आजकल प्रॉपर्टी खरीदना सिर्फ पैसे का मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह कानूनी समझ और सतर्कता का भी विषय बन गया है। घर, फ्लैट या जमीन खरीदते समय कई लोग सिर्फ आकर्षक कीमत या सुंदर लोकेशन देखकर फैसला कर लेते हैं और बाद में ठगी या कानूनी विवाद में फंस जाते हैं। इससे बचने का एक ही तरीका है – जरूरी डॉक्यूमेंट्स की सही जांच।
यहां हम आपको उन अहम दस्तावेजों के बारे में बताएंगे, जो हर प्रॉपर्टी खरीदने वाले को जरूर जांचने चाहिए।
1. रेरा सर्टिफिकेट (RERA Certificate) – प्रोजेक्ट की वैधता का प्रमाण
RERA यानी रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी का सर्टिफिकेट इस बात का प्रमाण होता है कि प्रोजेक्ट वैध है और उसमें पारदर्शिता है।
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इससे यह तय होता है कि बिल्डर नियमों का पालन कर रहा है।
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यह सर्टिफिकेट न हो तो प्रोजेक्ट पर संदेह करना चाहिए।
2. सेल एग्रीमेंट (Sale Agreement) – खरीद की पहली कानूनी सीढ़ी
सेल एग्रीमेंट में प्रॉपर्टी की पूरी डील लिखित रूप में होती है।
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इसमें कीमत, लोकेशन, कब्जे की तारीख, भुगतान शर्तें आदि का विवरण होता है।
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बिना इसके न लोन मिल सकता है, न कानूनी हक पक्का होता है।
3. ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (Occupancy Certificate) – कब्जे की अनुमति
यह प्रमाणित करता है कि बिल्डिंग का निर्माण स्थानीय नियमों के अनुसार हुआ है और उसमें रहने की इजाज़त है।
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बिना इस सर्टिफिकेट के कब्जा लेना गैरकानूनी हो सकता है।
4. एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate) – प्रॉपर्टी पर बंधक या लोन की जानकारी
यह बताता है कि प्रॉपर्टी पर कोई लोन या कानूनी विवाद तो नहीं है।
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यह सर्टिफिकेट न होने पर आप ऐसी संपत्ति खरीद सकते हैं जो पहले से गिरवी रखी हो।
5. नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) – प्रशासन की मंजूरी
स्थानीय नगर निगम या प्राधिकरण से प्राप्त NOC यह साबित करता है कि प्रॉपर्टी पर कोई आपत्ति नहीं है और उसे वैध रूप से बेचा जा सकता है।
6. मालिकाना हक का प्रमाण (Ownership Document)
यह दस्तावेज बताता है कि प्रॉपर्टी का असली मालिक कौन है।
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कई बार फर्जी लोग खुद को मालिक बताकर बेचने की कोशिश करते हैं।
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यह प्रमाणपत्र जांचना बहुत जरूरी है।
7. प्रॉपर्टी टैक्स रसीद – टैक्स बकाया न हो तो ही खरीदें
पिछले मालिक ने प्रॉपर्टी टैक्स चुकाया है या नहीं, यह रसीद से पता चलता है।
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अगर टैक्स बकाया है, तो वह नए मालिक को भरना पड़ सकता है।
8. विक्रेता की पहचान – फर्जीवाड़े से बचने के लिए
विक्रेता का आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे दस्तावेज जरूर देखें ताकि यह तय हो सके कि प्रॉपर्टी बेचने वाला सही व्यक्ति है।
9. लोन क्लियरेंस सर्टिफिकेट – बकाया लोन का कोई बोझ न हो
अगर प्रॉपर्टी पर पहले लोन था और उसे चुका दिया गया है, तो लोन क्लियरेंस सर्टिफिकेट जरूर मांगें।
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इससे स्पष्ट होगा कि प्रॉपर्टी पूरी तरह से लोन मुक्त है।
10. बैंक स्टेटमेंट और पेमेंट के सबूत – भविष्य के लिए सुरक्षित रखें
जो भी भुगतान आपने किया है, उसके बैंक स्टेटमेंट, चेक की कॉपी, RTGS या NEFT की रसीद संभाल कर रखें।
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ये सबूत कानूनी सुरक्षा में मदद करते हैं।
आखिरी और सबसे जरूरी बात – कानूनी सलाह लें
हर डॉक्यूमेंट को समझना हर किसी के बस की बात नहीं होती।
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किसी अनुभवी वकील से सलाह लेना समझदारी है।
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कोई भी दस्तावेज बिना पढ़े साइन न करें।
निष्कर्ष
प्रॉपर्टी खरीदना जीवन का सबसे बड़ा निवेश होता है। अगर आप इन दस्तावेजों की जांच नहीं करते, तो लाखों का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
सावधानी, समझदारी और सही कागजात ही आपके सपनों के घर को सुरक्षित बना सकते हैं।
इसलिए हर दस्तावेज ध्यान से जांचें, संभालें और सुरक्षित भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं।