आजकल भले ही डिजिटल पेमेंट का ज़माना आ गया हो, लेकिन बैंक चेक का उपयोग अब भी बड़े और गंभीर लेन-देन में किया जाता है। चाहे जायदाद खरीदना हो, गारंटी के लिए पैसे देना हो या फिर बिजनेस ट्रांजैक्शन—चेक आज भी एक भरोसेमंद तरीका है। लेकिन क्या आपको पता है कि चेक के पीछे साइन करना कब ज़रूरी होता है और कब नहीं? आइए जानते हैं पूरी जानकारी आसान और साफ भाषा में।
चेक के प्रकार और उनके नियम
सभी चेक एक जैसे नहीं होते। हर प्रकार के चेक के लिए अलग नियम होते हैं, खासकर पीछे साइन करने को लेकर।
1. बियरर चेक (Bearer Cheque):
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यह वह चेक होता है जिसे जिसके पास है, वही व्यक्ति बैंक से पैसे निकाल सकता है।
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इसमें किसी खास व्यक्ति का नाम नहीं होता।
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अगर आप किसी को बियरर चेक दे रहे हैं, तो पीछे साइन करना जरूरी होता है।
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ऐसा इसलिए ताकि बैंक को भरोसा हो कि आपने जानबूझकर यह चेक जारी किया है।
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अगर यह चेक चोरी हो जाए और उस पर साइन न हो, तो बैंक उसे स्वीकार नहीं करेगा।
2. ऑर्डर चेक (Order Cheque):
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इसमें किसी निर्धारित व्यक्ति का नाम लिखा होता है।
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केवल वही व्यक्ति इस चेक को जमा या भुना सकता है।
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इसके पीछे साइन करना जरूरी नहीं होता क्योंकि यह पहले से किसी एक व्यक्ति को दिया गया होता है।
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अगर कोई और व्यक्ति इसे जमा करता है, तो उसे proper authorization देना होगा।
3. अकाउंट पेयी चेक (Account Payee Cheque):
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इस चेक में लिखा होता है “A/C Payee Only”।
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इसका भुगतान सिर्फ चेक में नामित व्यक्ति के खाते में किया जा सकता है।
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इसे कैश नहीं कराया जा सकता।
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इसके पीछे भी साइन करने की ज़रूरत नहीं होती।
बैंक पीछे साइन क्यों करवाता है?
कुछ स्थितियों में बैंक चेक के पीछे साइन की मांग करता है, जैसे:
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सिग्नेचर वेरिफिकेशन के लिए—ताकि ये पक्का किया जा सके कि ट्रांजैक्शन सही व्यक्ति की अनुमति से हो रहा है।
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अगर कोई तीसरा व्यक्ति बियरर चेक लेकर आता है, तो बैंक उसकी पुष्टि के लिए साइन करवाता है।
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यह बैंक की सुरक्षा और ग्राहक की सहमति का तरीका होता है।
अगर आप खुद अपने खाते से पैसा निकाल रहे हैं?
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अगर आप खुद बियरर चेक से पैसे निकालते हैं, तो पीछे साइन करना जरूरी नहीं है।
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लेकिन अगर रकम ज्यादा है (जैसे ₹50,000 से अधिक), तो बैंक अतिरिक्त सुरक्षा के लिए साइन मांग सकता है।
₹50,000 से ज्यादा के चेक पर क्या होता है?
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अगर चेक की राशि ₹50,000 से ज्यादा है, तो बैंक:
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आपका ID Proof या Address Proof मांग सकता है।
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खासकर तब जब चेक बियरर हो और कोई तीसरा व्यक्ति बैंक जाए।
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चेक से जुड़ी कुछ जरूरी सावधानियां
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कभी भी खाली साइन किया हुआ चेक किसी को न दें। इससे धोखाधड़ी हो सकती है।
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बियरर चेक देने से पहले यह सुनिश्चित करें कि जिसे दे रहे हैं वो भरोसेमंद हो।
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रसीद या दस्तावेज जरूर बनवाएं, खासकर जब बड़ी रकम चेक से दी जा रही हो।
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अगर आप ज्यादा सुरक्षित रहना चाहते हैं, तो Account Payee Cheque का इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष: चेक के नियम जानना जरूरी है
डिजिटल युग में भी चेक का उपयोग कम नहीं हुआ है। ऐसे में चेक से जुड़ी बारीकियों को जानना हर बैंक ग्राहक के लिए जरूरी है। अगर आप ये जानते हैं कि चेक के पीछे साइन कब करना है और कब नहीं, तो आप गलतियों और परेशानी से बच सकते हैं।
तो अगली बार जब आप किसी को चेक दें या बैंक जाएं, तो ऊपर दिए गए नियमों को ज़रूर याद रखें और अपने दोस्तों और परिवार को भी इसकी जानकारी दें। यही जानकारी आपको सुरक्षित और सतर्क बनाएगी।