भारत में संपत्ति से जुड़ा मामला अक्सर उलझन भरा होता है, खासकर तब जब किसी व्यक्ति की अचानक मृत्यु हो जाए और उसने पीछे कोई वसीयत न छोड़ी हो। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि उसकी संपत्ति किसे मिलेगी? अगर मृतक की शादी नहीं हुई थी, बच्चे नहीं हैं, माता-पिता भी नहीं हैं, तो क्या उसकी बहन को पूरी संपत्ति मिल सकती है? आइए इसे आसान और साफ भाषा में समझते हैं।
बिना वसीयत के मृत्यु पर क्या होता है?
अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है और उसने कोई वसीयत (Will) नहीं बनाई है, तो उसकी संपत्ति का बंटवारा हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के तहत होता है (अगर वह हिंदू है)। मुस्लिम, ईसाई या पारसी लोगों के लिए अलग उत्तराधिकार कानून होते हैं।
यहां हम सिर्फ हिंदू परिवार के मामले पर बात कर रहे हैं।
कौन होते हैं कानूनी वारिस?
कानून ने उत्तराधिकारियों को दो वर्गों में बांटा है:
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Class I वारिस: पत्नी, बेटा, बेटी, मां, बहू, पोता, पोती आदि
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Class II वारिस: भाई, बहन, पिता, दादी, चाचा, ताऊ, भतीजा, भतीजी आदि
अगर Class I का कोई वारिस मौजूद नहीं है, तभी Class II के लोगों को संपत्ति मिलती है।
बहन को कब मिल सकती है पूरी संपत्ति?
बहन को मृतक भाई की पूरी संपत्ति तब मिलेगी, जब ये सभी शर्तें पूरी हों:
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भाई की शादी नहीं हुई हो
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उसकी कोई संतान न हो
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माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी हो
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कोई अन्य भाई जीवित न हो
अगर इन शर्तों में कोई भी अधूरी है, तो बहन को पूरी नहीं, बल्कि बांटी गई संपत्ति मिलती है। लेकिन अगर ये सभी पूरी हों, तो बहन को भाई की पूरी संपत्ति का कानूनी हक मिलता है।
बहन कैसे कर सकती है संपत्ति का दावा?
अगर स्थिति स्पष्ट है और कोई विरोध नहीं है, तो बहन Legal Heir Certificate (वारिस प्रमाण पत्र) के जरिए संपत्ति पर दावा कर सकती है। यह प्रमाण पत्र तहसील या नगर निगम कार्यालय से बनवाया जा सकता है।
अगर कोई अन्य रिश्तेदार बहन का हक मानने से इनकार करे या संपत्ति पर कब्जा कर ले, तो बहन को कोर्ट में केस दाखिल करना पड़ सकता है।
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जरूरी दस्तावेज जो बहन को रखने होंगे:
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भाई का डेथ सर्टिफिकेट
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परिवार रजिस्टर या जन्म प्रमाण पत्र (रिश्ता साबित करने के लिए)
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बहन का आधार कार्ड या पहचान पत्र
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पते का प्रमाण और बैंक खाता विवरण
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Legal Heir Certificate
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कोर्ट केस के लिए वकील की मदद भी जरूरी हो सकती है
अगर भाई ने वसीयत बना रखी हो?
अगर भाई ने अपनी मृत्यु से पहले कोई वसीयत बना रखी है, और उसमें संपत्ति किसी अन्य के नाम की है, तो उस स्थिति में संपत्ति उसी व्यक्ति को मिलेगी। बहन को फिर कानूनी रूप से संपत्ति नहीं मिल सकती जब तक वसीयत को चुनौती न दी जाए।
कोर्ट का नजरिया क्या है?
सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाई कोर्ट के फैसलों ने यह स्पष्ट किया है कि अगर Class I वारिस नहीं हैं, तो बहन एक Class II वारिस के रूप में भाई की संपत्ति की हकदार होती है। उसे बस यह साबित करना होता है कि:
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वह मृतक की सगी बहन है
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और कोई नज़दीकी उत्तराधिकारी नहीं बचा है
टैक्स से जुड़ी जानकारी
अगर बहन को संपत्ति वसीयत या उत्तराधिकार से मिलती है, तो कोई इनकम टैक्स नहीं लगता। लेकिन अगर वह बाद में उस संपत्ति को बेचती है, तो कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ सकता है।
निष्कर्ष: बहन को भी पूरा अधिकार है
कई बार सामाजिक दबाव और जानकारी की कमी के चलते बहनों को उनका हक नहीं मिल पाता। लेकिन सच्चाई यह है कि कानून बहन के साथ है। अगर भाई की मौत बिना वसीयत के हुई है और कोई करीबी वारिस नहीं है, तो बहन को पूरी संपत्ति का हक है।