सरकारी कर्मचारियों को मिली बड़ी सौगात – दोबारा शुरू हुई पुरानी पेंशन स्कीम Old Pension Scheme

By Shruti Singh

Published On:

Old Pension Scheme

उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में वर्षों से तदर्थ रूप में कार्यरत शिक्षकों को अब न्याय मिल गया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए उन्हें पुरानी पेंशन योजना (OPS) का लाभ देने का आदेश दिया है। यह फैसला न केवल आर्थिक सुरक्षा से जुड़ा है, बल्कि उन शिक्षकों के सम्मान की भी बहाली है, जिन्होंने वर्षों तक बिना किसी स्थायी दर्जे के पूरी निष्ठा से शिक्षा दी।

क्या था मामला?
उत्तर प्रदेश में ऐसे हजारों शिक्षक हैं जिन्होंने 30 सितंबर 2000 से पहले तदर्थ (अस्थायी) रूप में अपनी सेवा शुरू की थी। ये शिक्षक नियमित रूप से शिक्षण कार्य करते रहे, लेकिन चूंकि इनकी नियुक्ति स्थायी नहीं थी, इसलिए इन्हें पुरानी पेंशन योजना, चयन वेतनमान और प्रोन्नति का लाभ नहीं मिला।

इन्हीं मुद्दों को लेकर शिक्षकों ने लंबे समय से सरकार से न्याय की मांग की, लेकिन उन्हें हर बार निराशा ही मिली।

यह भी पढ़े:
PM PM किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त जुलाई में: पात्र किसानों को मिलेगा ₹2000, तुरंत करें ये जरूरी काम

क्यों जाना पड़ा कोर्ट के पास?
सरकारी स्तर पर बार-बार अनसुनी होने के बाद, इन शिक्षकों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने कहा कि:

 ⁠

उनकी मांग थी कि उन्हें भी स्थायी शिक्षकों की तरह पेंशन और अन्य लाभ मिलने चाहिए।

हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
22 मार्च 2016 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शिक्षकों के पक्ष में बड़ा फैसला दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया:

यह भी पढ़े:
RBI RBI के नए नियम 2025: अब सिबिल स्कोर सुधारेगा जल्दी, EMI चूक पर भी मिलेगा सुधार का मौका

कोर्ट ने यह भी कहा कि यह न केवल कानूनी तौर पर सही है, बल्कि नैतिक रूप से भी जरूरी है।

सरकार का विरोध और सुप्रीम कोर्ट की अपील
यूपी सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले से असहमति जताई और सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सरकार का तर्क था:

लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों की मेहनत और अधिकार को ज्यादा अहमियत दी।

यह भी पढ़े:
Post Office PPF Scheme सिर्फ ₹60,000 निवेश पर ₹16,27,284 की गारंटी! पोस्ट ऑफिस की स्कीम ने मचा दिया धमाल! Post Office PPF Scheme

सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला – शिक्षकों के पक्ष में
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की याचिका को खारिज करते हुए हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और कहा:

इस फैसले के क्या मायने हैं?

शिक्षकों के लिए जरूरी कदम

निष्कर्ष: संघर्ष का फल मीठा होता है
यह फैसला एक लंबे संघर्ष और विश्वास की जीत है। वर्षों तक अनदेखे रहे शिक्षकों को अब उनका हक और सम्मान मिला है। अब जरूरत है कि सरकार बिना देरी के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करे और सभी पात्र शिक्षकों को उनका पूरा हक प्रदान करे।

यह भी पढ़े:
PM Awas Yojana Gramin List 2025 पीएम आवास योजना की नई ग्रामीण लिस्ट जारी – तुरंत चेक करें अपना नाम PM Awas Yojana Gramin List 2025

Shruti Singh

Shruti Singh is a skilled writer and editor at a leading news platform, known for her sharp analysis and crisp reporting on government schemes, current affairs, technology, and the automobile sector. Her clear storytelling and impactful insights have earned her a loyal readership and a respected place in modern journalism.

Leave a Comment

Join Whatsapp Group