आज के समय में घर खरीदने, व्यवसाय शुरू करने या शिक्षा के लिए लाखों लोग लोन लेते हैं। लेकिन कभी-कभी परिस्थितियां ऐसी हो जाती हैं कि लोग समय पर EMI नहीं चुका पाते। ऐसे में उन्हें बैंक या रिकवरी एजेंटों से परेशान किया जाता है, जिससे मानसिक तनाव और डर का माहौल बन जाता है। इसी समस्या को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन धारकों की सुरक्षा के लिए नए नियम लागू किए हैं। आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में विस्तार से।
लोन चुकाने में देरी होना कोई अपराध नहीं
रोज़गार छूट जाना, बीमारी, पारिवारिक संकट या व्यापार में घाटा – ऐसे कारणों से कई बार लोग लोन समय पर नहीं चुका पाते। RBI का मानना है कि यह कोई अपराध नहीं है, इसलिए किसी भी लोन धारक को अपमानित करना, डराना या धमकाना गलत है।
रिकवरी एजेंट अब मनमानी नहीं कर पाएंगे
RBI ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब रिकवरी एजेंट केवल सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही संपर्क कर सकते हैं। इसके बाद कॉल करना या घर आना नियमों के खिलाफ होगा।
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त्योहारों या छुट्टियों पर परेशान करना भी मना है
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लोन धारकों को अपमानित नहीं किया जा सकता
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धमकी भरी भाषा का प्रयोग पूरी तरह निषिद्ध है
EMI बाउंस होने पर भी मिलती है राहत
अगर आपकी EMI किसी कारणवश बाउंस हो जाती है, तो बैंक तुरंत संपत्ति नहीं जब्त कर सकता।
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पहले 90 दिनों तक बैंक नोटिस भेजता है
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उसके बाद चेतावनी दी जाती है
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इस बीच आप बैंक से बात करके समाधान निकाल सकते हैं
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बातचीत से समय लेकर रीपेमेंट प्लान बना सकते हैं
लोन धारकों के कानूनी अधिकार
अगर कोई रिकवरी एजेंट बदसलूकी करता है या नियमों का उल्लंघन करता है, तो आप उसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं:
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पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराएं
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बैंक की शिकायत निवारण शाखा में संपर्क करें
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RBI के ग्राहक सेवा विभाग में शिकायत करें
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कानूनी सलाहकार की मदद लें
शिकायत करते समय रखें ये सबूत
शिकायत को सही साबित करने के लिए आपके पास कुछ प्रमाण होने चाहिए:
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फोन कॉल की रिकॉर्डिंग
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धमकी भरे मैसेज के स्क्रीनशॉट
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गवाहों के बयान
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बैंक द्वारा भेजे गए नोटिस की कॉपी
अगर शिकायत सही पाई जाती है, तो बैंक पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
रिकवरी एजेंटों के व्यवहार की सीमा तय
RBI ने साफ कर दिया है कि कोई भी रिकवरी एजेंट:
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परिवार या पड़ोसियों के सामने अपमान नहीं कर सकता
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घर में जबरन प्रवेश नहीं कर सकता
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किसी भी चीज़ को जब्त करने के लिए न्यायिक आदेश जरूरी है
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लोन धारक से सम्मानपूर्वक बात करनी होगी
संपत्ति की नीलामी में भी मिलेंगे अधिकार
अगर लोन चुकाना संभव न हो और बैंक संपत्ति की नीलामी की प्रक्रिया शुरू करे, तो यह कानूनी और पारदर्शी होनी चाहिए।
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लोन धारक को नीलामी की जानकारी पहले से दी जाएगी
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बची हुई राशि (अगर कोई हो) वापस मिलनी चाहिए
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कोर्ट से राहत पाने का भी अधिकार है
निष्कर्ष: सम्मान और अधिकार दोनों जरूरी
RBI के ये नए नियम बताते हैं कि आर्थिक तंगी में इंसान को सहायता की जरूरत होती है, सजा की नहीं। बैंक और एजेंट अब किसी भी लोन धारक से मनमानी नहीं कर सकते। यदि आप भी किसी लोन को लेकर परेशान हैं, तो अपने अधिकार जानें, प्रमाण इकट्ठा करें और शांतिपूर्ण तरीके से समाधान की ओर कदम बढ़ाएं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी कानूनी निर्णय से पहले संबंधित विशेषज्ञ या अधिकृत संस्था से सलाह अवश्य लें। नियमों में समय के साथ बदलाव हो सकते हैं, इसलिए हमेशा आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।