अगर आप अपने सपनों का घर या जमीन खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। क्योंकि 2025 में कुछ राज्यों ने रजिस्ट्री टैक्स यानी स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज में बढ़ोतरी कर दी है। इससे जमीन या मकान खरीदना अब पहले से ज्यादा महंगा हो गया है।
आइए, आसान और सीधी भाषा में समझते हैं कि रजिस्ट्री टैक्स क्या होता है, इसमें क्या बदलाव आया है, और इसका आम आदमी पर क्या असर पड़ेगा।
रजिस्ट्री टैक्स क्या होता है?
जब आप कोई फ्लैट, जमीन या मकान खरीदते हैं, तो सिर्फ उसकी कीमत चुकाना काफी नहीं होता।
आपको उस प्रॉपर्टी की सरकारी रजिस्ट्री करवानी पड़ती है, जिसके लिए कुछ फीस देनी होती है। इसी फीस को ही रजिस्ट्री टैक्स या स्टांप ड्यूटी कहा जाता है।
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यह टैक्स हर राज्य अपने हिसाब से वसूलता है
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कुछ राज्यों में यह 5% है, तो कुछ में 6-8% तक हो सकता है
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इसके अलावा 1% तक का रजिस्ट्रेशन चार्ज भी लिया जाता है
अब क्या बदलाव हुआ है?
2025 में कई राज्यों ने रजिस्ट्री टैक्स में बढ़ोतरी कर दी है। इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा।
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उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्री टैक्स 6% से बढ़ाकर 7% कर दिया गया है
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मध्य प्रदेश में यह 5% से बढ़कर 6% हो गया है
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दिल्ली-NCR में पहले से 6% टैक्स है, लेकिन अब महिलाओं को मिलने वाली छूट को सीमित कर दिया गया है
उदाहरण:
अगर आप 50 लाख रुपये की प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो पहले 3 लाख रुपये टैक्स लगता था।
अब वही बढ़कर करीब 3.5 लाख रुपये हो गया है।
सरकार ने टैक्स क्यों बढ़ाया?
सरकारों ने यह फैसला कुछ कारणों की वजह से लिया है:
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राजस्व में कमी: रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी के कारण टैक्स कलेक्शन घट गया
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सरकारी आय बढ़ाने के लिए यह टैक्स आसान जरिया माना जाता है
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बजट घाटा पूरा करने के लिए ये कदम उठाए गए हैं
आम आदमी पर क्या असर पड़ेगा?
इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास पर पड़ेगा।
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पहले ही महंगे होम लोन और बढ़ती महंगाई से लोग परेशान हैं
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अब घर खरीदने के लिए ज्यादा एडवांस और खर्च का इंतज़ाम करना होगा
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जो लोग छोटा घर खरीदना चाहते थे, वो अब दोबारा सोच सकते हैं
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EMI और डाउन पेमेंट की योजना बनाने में अब और सावधानी की जरूरत होगी
क्या रियल एस्टेट पर असर होगा?
रियल एस्टेट सेक्टर पहले ही नोटबंदी, GST, RERA और कोविड जैसे झटकों से जूझ चुका है।
अब जब बाजार धीरे-धीरे सुधर रहा था, रजिस्ट्री टैक्स बढ़ने से फिर से चुनौती आ सकती है।
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नए खरीदारों की संख्या कम हो सकती है
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बिल्डर्स को प्रोजेक्ट बेचने में मुश्किल होगी
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कुछ परियोजनाएं लेट भी हो सकती हैं
महिलाओं को मिलने वाली छूट पर असर
अब तक कई राज्यों में महिलाओं को स्टांप ड्यूटी में 1-2% छूट मिलती थी, ताकि उन्हें प्रॉपर्टी खरीदने के लिए बढ़ावा मिल सके।
लेकिन अब कुछ राज्यों में:
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यह छूट हटा दी गई है या
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सिर्फ एक लिमिट तक लागू कर दी गई है
इससे महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता पर भी असर पड़ सकता है।
क्या टैक्स से बचा जा सकता है?
रजिस्ट्री टैक्स कानूनी रूप से अनिवार्य होता है, लेकिन कुछ उपायों से आप थोड़ी राहत पा सकते हैं:
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सर्कल रेट और बाजार रेट की तुलना करें
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प्रॉपर्टी की नेगोसिएशन करते समय रजिस्ट्री चार्ज को ध्यान में रखें
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अगर राज्य में महिलाओं के नाम से छूट मिलती है, तो उसका लाभ लें
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खरीदारी से पहले संबंधित राज्य की रजिस्ट्री वेबसाइट पर रेट जरूर चेक करें
निष्कर्ष
रजिस्ट्री टैक्स में हुआ यह बदलाव घर खरीदने वालों के लिए एक और आर्थिक चुनौती बन सकता है।
अब ज़रूरी है कि आप घर खरीदने से पहले पूरी प्लानिंग करें, बजट में स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज को भी शामिल करें, और सभी दस्तावेजों की जानकारी पहले से रखें।
सपनों का घर जरूर खरीदिए – लेकिन समझदारी और जानकारी के साथ।