अगर आपके घर में बच्चे स्कूल जाते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) ने मानसून को देखते हुए राज्य में स्कूलों की छुट्टियों की घोषणा कर दी है। लगातार बारिश, बढ़ते जलस्तर और भूस्खलन की आशंका के चलते यह कदम उठाया गया है ताकि बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
कब से कब तक रहेंगे स्कूल बंद?
हिमाचल प्रदेश की जलवायु क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग है, इसलिए छुट्टियों की तारीखें भी स्कूलों के प्रकार और स्थान के अनुसार अलग तय की गई हैं:
स्कूल का प्रकार | छुट्टियों की तारीख |
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ग्रीष्मकालीन स्कूल | 12 जुलाई से 12 अगस्त 2025 |
जिला कुल्लू के स्कूल | 20 जुलाई से 12 अगस्त 2025 |
शीतकालीन स्कूल | 7 अगस्त से 12 अगस्त 2025 |
विशेष गर्म क्षेत्र (जैसे नालागढ़, फतेहपुर आदि) | 3 अगस्त से 12 अगस्त 2025 |
इस तरह छात्रों को करीब 24 दिनों का ब्रेक मिल रहा है।
स्कूल खुले तो कार्रवाई तय
HPBOSE ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि यदि किसी स्कूल ने छुट्टियों के दौरान कक्षा ली, स्कूल खोला या किसी भी तरह की गतिविधि चलाई और उसमें कोई हादसा हुआ, तो पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होगी। इसके साथ ही, अगर कोई प्राइवेट स्कूल आदेशों का उल्लंघन करता है, तो उस पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
क्यों लिया गया ये फैसला?
राज्य में मानसून इस बार बहुत ज्यादा सक्रिय है। कई जिलों में:
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नदी-नालों का जलस्तर बढ़ रहा है
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भूस्खलन और सड़कें बंद होने की घटनाएं बढ़ रही हैं
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कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, मंडी जैसे जिलों में प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है
ऐसी स्थिति में बच्चों का स्कूल आना-जाना जानलेवा हो सकता है, इसलिए सरकार ने यह छुट्टियां घोषित की हैं।
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उत्तराखंड में भी एहतियात
उत्तराखंड के भी कई जिलों जैसे देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और चमोली में भी भारी बारिश को देखते हुए स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। यानी दोनों पहाड़ी राज्यों में बच्चों की सुरक्षा के लिए एक जैसे कदम उठाए गए हैं।
पढ़ाई का क्या होगा?
छुट्टियों में पढ़ाई न रुके, इसके लिए HPBOSE ने स्कूलों को कुछ सुझाव दिए हैं:
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छात्रों को ऑनलाइन असाइनमेंट्स दें
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होमवर्क या रिवीजन वर्क दें
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यदि संभव हो तो ऑनलाइन क्लासेस संचालित करें
हालांकि ये अनिवार्य नहीं हैं, लेकिन अगर स्कूल और पेरेंट्स मिलकर प्रयास करें तो बच्चों की पढ़ाई में रुकावट नहीं आएगी।
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माता-पिता की भूमिका भी अहम
बोर्ड ने पेरेंट्स से भी अपील की है कि:
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बच्चों को कोचिंग सेंटर या भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर न भेजें
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घर पर ही ऑनलाइन पढ़ाई में सहयोग करें
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भारी बारिश वाले दिनों में बच्चों को बाहर जाने से रोकें
इस समय का उपयोग बच्चों के साथ गुणवत्ता भरा समय बिताने के लिए किया जा सकता है – जैसे किताबें पढ़ाना, सामान्य ज्ञान बढ़ाना या हल्का-फुल्का शैक्षिक खेल खेलना।
छुट्टी है, लेकिन ज़िम्मेदारी भी है
बेशक बच्चों के लिए यह लंबी छुट्टियां एक खुशखबरी हैं, लेकिन यह केवल मौज-मस्ती का समय नहीं है। पेरेंट्स, स्कूल प्रबंधन और प्रशासन तीनों की जिम्मेदारी है कि बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा का ध्यान एक साथ रखा जाए।
HPBOSE के निर्देशों का पालन जरूरी है, खासकर उन इलाकों में जहां भूस्खलन और बाढ़ की आशंका ज्यादा है।
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश में मानसून की छुट्टियां घोषित हो चुकी हैं। बच्चों को लंबा ब्रेक मिल रहा है, लेकिन यह समय आराम और सतर्कता दोनों का है। स्कूलों को बोर्ड के आदेशों का पालन करना है और अभिभावकों को भी यह सुनिश्चित करना है कि बच्चे पढ़ाई से जुड़े रहें और सुरक्षित रहें।
अब समय है घर पर बच्चों के साथ कुछ अच्छे पल बिताने का – पढ़ाई, सुरक्षा और थोड़ी मस्ती के साथ।